धीरेंद्र शास्त्री: चमत्कार से नफरत तक का सफर?
अपने आप को बाबा बागेश्वर धाम कहने वाले धीरेंद्र शास्त्री वो इंसान जो बहुत ही नाटकीय अंदाज में पर्चियां निकाल निकाल करके लोगों को जादुई समाधान देने में विश्वास रखते हैं जो लोगों का मन पढ़ लेने की शक्ति ऐसा है उनके अंदर वह दर्शाने की कोशिश करते हैं क्या अब वो एक बहुत ही खतरनाक नफरती एजेंडे पर आ गए हैं और यह संभवत देश की नींव को हिला सकता है हंसी मजाक अपनी जगह आ और ऊ जैसी आवाज निकाल करके लोगों के समाधान करना वो अपनी जगह उस पर तमाम साइंटिस्ट सवाल उठाएं कि ये उन्होंने कैसे किया यह ट्रिक है जो वो अपनाने की कोशिश कर रहे हैं पर्ची में कैसे लिख पा रहे हैं और क्या लिख रहे हैं माइंड रीडिंग किस तरीके से की जाती है क्या उसकी वह महारत हासिल है माइंड रीडिंग जैसा इल्लुजन और उसको धर्म से जोड़कर के प्रस्तुत करना ये सारी बातें तो पिछले कुछ सालों में हो रही थी लेकिन अब एक ऐसा इंसान जो इतना जरूरी हो गया है राजनेताओं के लिए कि जब तक उनकी दरबार में नेता जाएं ना और बिल्कुल एकदम झुक करके प्रणाम ना कर दें उनके साथ दिखना हमेशा चाहें लोग भी टेलीविजन चैनल्स पर भी मैं नहीं जानता हूं किस वजह से लेकिन वह भी धीरेंद्र शास्त्री को आगे बढ़ाएं ऐसे धीरेंद्र शास्त्री जब देश को तोड़ने और देश की नींव हिलाने वाले काम करने लगेंगे तो क्या उसको समर्थन मिलना चाहिए हिंदू राष्ट्र जैसी एक कांसेप्ट को इतने खुल करके प्रचार करना और जमीन पर अब उसको उतारना भी शुरू कर देना क्या यह एक खतरे की घंटी नहीं है क्या है यह पूरा मामला आइए आपको बताते हैं नमस्कार मेरा नाम है संकेत उपाध्याय और आप देख रहे हैं इशारोंइशारों में तो ये धीरेंद्र शास्त्री हैं आप जानते हैं दो-ती सालों से टीवी पर बड़े प्रसिद्ध हैं सब लोग इनके आगे पीछे घूमते हैं एक थोड़े से नाटकीय अंदाज में लोगों का माइंड रीड करने का प्रयास करते हैं वो सारी चीजें अपनी जगह थी लेकिन अब इन्हीं धीरेंद्र शास्त्री ने एक भूमि पूजन किया अपने बागेश्वर धाम में जिसमें यह पहला हिंदू ग्राम बनाना चाहते हैं हिंदू विलेज इसका जो पूरा आपको जो अभी तस्वीरों के माध्यम से दिख रहा है ये तस्वीरें आई हैं 2 साल में गांव बन करके तैयार होगा एक वैदिक मंत्र उच्चारण हुआ उसके बाद भूमि पूजन हुई आधारशिला हुई ये सारी चीजें इन्होंने खुद की और उसके बाद एक कमेंट है इनके ट्वीट पर जिसमें ये लिखा हुआ है कि हिंदू राष्ट्र सपना हिंदू गांव से ही और हिंदू के घर से ही शुरू होता है इस तरीके के बयान भी इन्होंने दिए हैं अब मैं आपको यह बता दूं कि वो ट्वीट क्या बताता है वो कहता है कि भागेश्वर धाम पीठ से हिंदू राष्ट्र की हुई शुरुआत पूज्य सरकार के पावन संकल्प हिंदू ग्राम का हुआ भूमि पूजन ये वो ट्वीट कह रहा है यानी कि एक ऐसा गांव बनाया जाएगा जिसमें हजार परिवार रहेंगे भूखंड आवंटित होंगे और वो सब 2 साल में कंप्लीट हो जाएगा हजार परिवार बसाने की यहां बात हो रही है न्यूज़ 18 की इस रिपोर्ट के हिसाब से भूमि को दोबारा बेचा या खरीदा नहीं जा सकता शर्तें तय की जाएंगी किस कंडीशन पर आप इस गांव में रह सकते हैं और जानते हैं सबसे बड़ी कंडीशन क्या है यहां की सबसे बड़ी कंडीशन यह है कि नॉन हिंदूज अलाउड ही नहीं है
‘हिंदू ग्राम’ का निर्माण: आस्था या बंटवारे की राजनीति?
आप आ ही नहीं सकते अगर आप हिंदू नहीं है तो आप यहां पर नहीं आ सकते अब इस तरीके की चीज जब आप करते हैं तो कई लोगों ने कुतर्क देने का प्रयास किया और वो कुतर्क ये था कि भाई मेरा मन मेरी सोसाइटी मेरा घर प्राइवेट प्रॉपर्टी है यह यह कोई पब्लिक स्पेस तो है नहीं जिस पर आप अलग-अलग नियम लगाएं और जो पूरा कांसेप्ट है कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का उसमें सहकारिता में भी लोग इसी तरीके से तय करते हैं जैसे बैंक वाले सब एक साथ हो जाते हैं और उसमें ये शर्त लगाते हैं कि सिर्फ बैंक वालों को ही बेचेंगे अ पत्रकार एक साथ हो जाते हैं और पत्रकार की कॉलोनी बन जाती है कि वह पत्रकारों के बीच में ही बिकेगी इसके अलावा और भी तमाम लोग हैं धर्म के आधार पर भी ऐसा नहीं है कि सोसाइटीज नहीं है उसमें धर्म के आधार पर भी सोसाइटीज होती हैं लेकिन अब अगर आप यह कहें कि ये सहकारिता और यह हिंदू ग्राम यह एक ही जैसा है तो यह एक जैसा नहीं है क्यों क्योंकि इन किसी भी सोसाइटीज में कभी यह बात नहीं कही जाती कि आप गैर अगर आप सपोज़ किसी और धर्म के हैं या आप किसी और प्रोफेशन के हैं तो आप घुस ही नहीं सकते आपकी एंट्री बैन ये तो एक तरीके की अनटचेबिलिटी वापस लाने जैसा हुआ यह तो आपने बिल्कुल ऐसा नियम बना दिया जैसे कि एक समय में पहले हुआ करता था कि यह दलितों की बस्ती है और यह ब्राह्मणों की बस्ती है और ब्राह्मणों की बस्ती में दलित नहीं आएंगे किस तरीके से आप शेड्यूल्ड कास्ट को ट्रीट करते थे क्या अब उसी तरीके से बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री और धर्म के लोगों को ट्रीट करना चाहते हैं और क्या यह न्यायसंगत कानून संगत और संविधान संगत है यह सवाल हम लोगों को अपने आप से पूछने चाहिए अगर हमको यह ठीक लगता है तो फिर आप यह समझ लीजिए कि वह दिन दूर नहीं क्योंकि हमारा जो संविधान है वो हर किसी को इजाजत देता है कि वो अपना-अपने धर्म का पालन करें और यहां पर कोई ऑफिशियल रिलीजन तो है नहीं तो अगर कोई इंसान एक सोसाइटी बना रहा है उसमें प्रॉपर्टी डीलर बन गया है
क्या यह हिंदू राष्ट्र का रोडमैप है?
अब ये धीरेंद्र शास्त्री जो हैं ये खुद एक प्रॉपर्टी डीलर बन गए हैं क्योंकि ये पमफेट लेकर के घूम रहे हैं और उसमें लोगों को बता रहे हैं कि आपको इतना डाउन पेमेंट करना पड़ेगा यहां यह प्लॉट आपका हो गया यह यह भूखंड आपका इस तरीके का काम अब होना शुरू हो गया है तो अगर आपको प्रॉपर्टी डीलर बनना है और उसमें आप धर्म घुसेड़ करके और फिर उसको अपने हिसाब से स्पिन करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह कितना जायज है क्या यह तरीका सही है कल को फिर ऐसी नौबत आएगी क्योंकि जैसे कि हमने बताया हमारे देश में संविधान में कोई ऑफिशियल रिलीजन नहीं है इस देश का हम लोग हिंदू रिपब्लिक ऑफ इंडिया नहीं हैं जिस तरीके से कुछ देश इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ सो एंड सो हैं तो ऐसे वक्त में जब इस तरीके की बात की जाएंगी तो क्या आप जमीन पर एक एक रणनीति अपनाने की कोशिश कर रहे हैं जो हमारे संविधान को ही अंडरकट करती है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो कैसे रोकेंगे आप उन लोगों को को जैसे दैनिक भास्कर में ये खबर छपी है जिसमें अब्बास हफीज उन्होंने ट्वीट किया है उनके प्रवक्ता हैं वो कहते हैं कि अगर संविधान हिंदू राष्ट्र अलऊ करता है या हिंदू गांव अलऊ करता है तो फिर मुसलमान गांव क्रिश्चियन गांव सिख गांव ये भी बनने चाहिए अब मैं आपको ये बता दूं कि एक वक्त था और आज भी है हिंदुस्तान में जब आप चले जाएं तो मैं क्योंकि अयोध्या का रहने वाला हूं वहां पर अह मिश्रा का पुरवा तिवारी का पुरवा फलाने की गली ढिमकाने की गली इस तरीके की पुरानी व्यवस्था आज भी चली आ रही है जिसमें जाति के आधार पर धर्म के आधार पर लोग एक नेटवर्क जैसा बना करके रहते थे लेकिन संविधान आ जाने के बाद और पहले जमाने में यह भी होता था जैसे हमने डिस्कस किया कि दलितों को वहां से बाहर रखा जाए आज भी वो दिक्कत से हम लोग जूझ रहे हैं कि कई बार ऐसी कुछ बस्तियां होती हैं जहां पर अगर शेड्यूल्ड कास्ट के किसी की बारात निकल जाए तो गोलियां चल जाती हैं
संविधान, समाज और सन्नाटा: कहां हैं जिम्मेदार संस्थान?
यह हम आज भी समाज की इस विकृति को दूर नहीं कर पाए हैं संविधान के आ जाने के बावजूद और उसको धीरे-धीरे कानून के दायरे में ला के सुधारने का प्रयास किया जा रहा है और वही धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग जब घुमा करके सुई वापस ले जाएं कई कई दशक हम लोगों को पीछे धकेल दें और वो भी धर्म के नाम पर तो यह नफरती एजेंडा नहीं है तो और क्या है और उन्होंने कुछ छुपाया नहीं है मतलब बहुत क्लियरली एक नफरती एजेंडा बना दिया है और किस तरीके से बनाया मैं आपको वो बता दूं वो कहते हैं कि पहले हिंदू गांव बनेगा फिर हिंदू तहसील बनेगी फिर हिंदू जिले बनेंगे फिर हिंदू प्रदेश बनेगा तभी तो हिंदू राष्ट्र बनेगा एक सवाल धीरेंद्र शास्त्री से पूछ दें मध्य प्रदेश में यह सब हो रहा है सेंसस के हिसाब से मध्य प्रदेश में 90.89% हिंदू हैं यानी कि आप यह क्या गांव और बस्ती बनाने जा रहे हैं ऑलरेडी 91% मध्य प्रदेश हिंदू है यानी कि बहुत सारी ऐसी बस्ती और गांव होंगे जहां सिर्फ और सिर्फ हिंदू ही होंगे अरे 91% है भाई मध्य प्रदेश में मुसलमान 6.57% है जैन 0.78% ही है बुद्ध 3% है क्रिश्चियन 29% है सिख है अन्य धर्म के लोग 83% हैं तो ऐसे ही हिंदू हैं सब जगह भाई यह नफरती एजेंडे है इसको इस तरीके से प्रस्तुत करने के पीछे मकसद क्या है नफरत ही मकसद अगर नहीं है तो फिर और क्या है और ऐसे में धीरेंद्र शास्त्री को ना तो रोक रहा है कोई ना टोक रहा है क्योंकि सारे नेता उनके दरबार में झुके हुए हैं सूट करता है कि वो ये सब बात बोलते रहे कानून कहां है इस देश का इसको नफरती हेट स्पीच के कैटेगरी में क्यों नहीं रखा गया है ये सवाल अदालतों से भी पूछा जाएगा देश की बात कर लेते हैं 2011 के सेंसस के हिसाब से 81% हिंदू 12.9% मुस्लिम 2.4% क्रिश्चियन 1.9% सिख 0.7% बुद्ध बौद्ध धर्म मानने वाले और 0.4% अन्य जैन धर्म मानने वाले अन्य धर्म मानने वाले 0.6% किसके लिए आप हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं और अगर इस तरीके की बातें होंगी और उनके लिए जमीन तैयार की जाएगी कि यह बात फैले 5 10 साल में थोड़ा सा जमीन तैयार हो जाए तो अगर यह नफरती प्रयोग नहीं है तो और क्या है कहां है वो आवाजें इस देश की इंस्टिटशंस की जो इसके खिलाफ आवाज उठाएंगी मजाकिया अंदाज में पर्चियां बांट करके और लोगों का मन रिझाने का काम तो धीरेंद्र शास्त्री कर रहे हैं लेकिन उसके पीछे एक बहुत ही खतरनाक नियत के तहत यह जो हिंदू राष्ट्र की बात हो रही है