स्टार्टअप बनाम सत्ता: जब सरकार ही स्टार्टअप्स पर सवाल उठाने लगी
कामरा जो आज सोचते हैं वही पीयूष गोयल कल कहते हैं सरकार के कार्यक्रम में स्टार्टअप वालों को पीयूष गोयल ने हड़काते हुए जो बात कही है वही बात तो कुणालरा ने टाटा से लेकर Mahindra पर तंज करते हुए कह दी दोनों के विचारों में इसी समानता के कारण हम पीयूष गोयल पर वीडियो बना रहे हैं हाल ही में जब विदेशी निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालने लगे तब पीयूष गोयल ने कह दिया कि चले जाएं सारे विदेशी निवेशक चले जाएंगे तो उनके कानों में संगीत बजेगा मतलब आपको संगीत सुनना है तो विविध भारती लगा लीजिए विदेशी निवेशक को क्यों भगा रहे हैं हमने इस पर वीडियो बनाया था उम्मीद है आपने देखा होगा इसी तरह पीयूष गोयल ने 2021 में एक उद्योग की तरफ इशारा करते हुए कह दिया इंडस्ट्री के जो प्रैक्टिस हैं नेशनल इंटरेस्ट के खिलाफ है मंत्री जी के बयानों में एक किस्म की फकीरी तो नहीं दिखती है लेकिन झुंझुलाहट जरूर दिख रही है फर्क यही है कि कुणाल कांबरा के खिलाफ एफआईआर है उनके घर पुलिस भेज दी गई है उनकी कॉमेडी देखने वालों को नोटिस दिया गया है लेकिन पीयूष गोयल ने जो बात कही है वह भी कॉमेडी से कम नहीं है मगर उन्हें कौन नोटिस भेजेगा मंत्री जी कह रहे हैं फूड डिलीवरी ऐप भारत के युवाओं को चीप लेबर में बदल रहा है यह सच तो है लेकिन मंत्री यह बात कह रहे हैं इससे बड़ी कॉमेडी क्या हो सकती है इसी चीप लेबर के चलते अमेरिका की आईटी कंपनियां भारत आती हैं भारत के इंजीनियरों को रोजगार मिलता है दूसरी कंपनियां भारत आती हैं और वह भी यहां के सस्ते श्रम का फायदा उठाती हैं जब आईटी सेक्टर भारत के युवाओं को चीप लेबर में बदल सकता है तो मैं एफआईआर से बचने के लिए पीयूष गोयल से तो नहीं कुणाल कांबरा से जरूर पूछना चाहता हूं कि फूड डिलीवरी ऐप वाले पर इल्जाम क्यों लगे कि वे युवाओं को चीप लेबर में बदल रहे हैं व्हाट आर इंडिया स्टार्टअप्स डूइंग टुडे वी आर फोकस ऑन फूड डिलीवरी एप्स टर्निंग अनइंप्लॉयड यूथ इनू चीप लेबर सो द रिच कैन गेट देयर मील्स विदाउट मूविंग आउट ऑफ देयर हाउस एंड अगेंस्ट दैट व्हाट डस अ चाइनीस स्टार्टअप डू वर्क ऑन डेवलपिंग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बैटरी टेक्नोलॉजीस एंड विथ दैट दैट टुडे डोमिनेटिंग द इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम वी आर वेरी प्राउड ऑफ़ व्हाट इंडिया हैज़ डन बट आर वी द बेस्ट इन द वर्ल्ड एस येट नॉट येट शुड वी एस्पायर्ड टू बी और आर वी गोइंग टू बी हैप्पी बीइंग डिलीवरी बॉयज एंड गर्ल्स मंत्री जी को पता है कि नौकरियां केवल डिलीवरी के काम में रह गई हैं इस काम में भारत का युवा वाकई बहुत मेहनत कर रहा है लेकिन उसे मिलता बहुत कम है उसका गुजारा नहीं चल पा रहा ऐसा क्यों होता है क्योंकि बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने वेंडर को बहुत कम पैसा देती हैं उसमें से भी कटौती करती रहती हैं
स्टार्टअप संस्कृति पर सरकार की दोहरी सोच
साल दर साल ताकि उनका उन बड़ी कंपनियों का मुनाफा मोटा होता जाए इसलिए डिलीवरी बॉय एंड गर्ल्स की कमाई मामूली होती जा रही है मोदी सरकार ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया ल्च किया 2022 से इस दिन को भारत में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाता है स्टार्टअप को लेकर खूब प्रचार-प्रसार हुआ सरकार ने संसद में कहा है कि भारत 1.5 लाख से अधिक इकाइयों को स्टार्टअप की मान्यता देता है कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने 3 दिसंबर 2024 को स्टार्टअप्स को लेकर सवाल पूछा कि भारत में कितने स्टार्टअप हैं और उन्हें कितनी वित्तीय सहायता दी गई है यह भी पूछा कि इनका सक्सेस रेट क्या है तो इस पर जवाब आया कि सफलता और असफलता का हिसाब नहीं रखा जाता वैसे मीडिया में कई रिपोर्ट मिल जाती है कि फला स्टार्टअप बंद हो गया कई बड़े स्टार्टअप भी बंद हुए हैं INC42 नाम की एक वेबसाइट है इसने 2024 के साल को भारत के स्टार्टअप के लिए कब्रिस्तान कहा है भारत में 80 स्टार्टअप हैं जिनकी वैल्यू एक अरब डॉलर या अधिक की मानी जाती है इन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है इन 80 में से मात्र 17 ऐसे हैं जो मुनाफे में हैं 2023 की यह खबर है जिस देश के प्रधानमंत्री पकोड़ा तलने को रोजगार मानते हैं उस देश में पकोड़े की डिलीवरी करने वाले ऐप को उन्हीं के मंत्री पीयूष गोयल हड़का रहे हैं यह कुछ और नहीं कुणाल कामरा की कॉमेडी का ज्यादा असर हो गया है क्या दोनों इस तरफ इशारा नहीं कर रहे कि भारत के उद्योगपतियों में नए उत्पाद बनाने नए-नए रिस्क उठाने का हौसला नहीं है कई लोग इसकी बात कर रहे हैं कि आपका अपना बनाया हुआ क्या है जो ग्लोबल है बिहार का चुनाव है इसलिए मंत्री लोग झट से मखाना का नाम ले लेंगे लेकिन जोक्स अपार्ट क्या है कौन सा प्रोडक्ट आपने बनाया जो Google Samsung Ma एक्स Microsoft की तरह ग्लोबल हो कुणाल कांबरा ने यही सवाल Tata अंबानी Mahindra से पूछा मंत्री पीयूष गोयल ने यही सवाल स्टार्टअप करने वालों से पूछ दिया इंडिया में क्या टैक हो रहा है क्या रिपोर्ट करते हो ola की स्कूटर यहां जल गई हाउ टेक्नोलॉजी फेल्ड और क्या ही रिपोर्ट करोगे यार नहीं हो रहा टेक नहीं हो रहा वही प्रॉब्लम है चाइना की प्रॉब्लम है बहुत टेक हो रहा है वहां पे हां अभी चाइना ने एआई ऐप बनाया डीप सी जिसने 10% स्टॉक्स गिरा दिए बड़ी-बड़ी कंपनियों का तो हमारे पास एस्ट्रोक्स को छोड़ के और कोई इनोवेशन था नहीं तो उधर क्या लिख रहे हैं भक्त लिख रहे फॉर योर इन चाइना हैज़ ओनली वन पार्टी सिस्टम एंड नो अपोजिशन ओ राइट प्राइवेट कंपनी को अपोजिशन रोक रहा है कुछ इनोवेटिव करने से वो Ola वाला बैठा है कि मैं बढ़िया एआई बनाऊंगा फिर राहुल गांधी आता है उसका लैपटॉप ले के फेंक देता है इनोवेशन के लिए मेरे पिताजी लैपटॉप नहीं लाए थे ठीक है इनोवेटिव करेगा वन पार्टी सिस्टम में नहीं इनोवेशन हो सकता है ठीक है ऐसे लिखते हैं ना ये लोग मतलब लॉजिक आप कैसे जवाब दोगे इसका कि चाइना में सिर्फ एक पार्टी है और अपोजिशन नहीं है इसीलिए वो आ गया है तो डेमोक्रेसी ना इनके बीच में आ रही है सही है टेक जर्नलिस्ट सो यू जस्ट रिपोर्ट ऑन हाउ वी आर नॉट टेक्नोलॉजिकली सेवी इंडियन बिज़नेसमैन डोंट इवन अग्री दैट दे आर डूइंग द रोंग थिंग लाइक लुक एट दैट Ola गाय फॉर एग्जांपल मैं ऐसा क्या ही बोल रहा था कि भड़क गया वो सिंपल है भाई तू टू व्हीलर बनाता है उसके दोनों व्हील नहीं चल रहे हैं वो बोल रहा है आजा इधर कर ले मेरे साथ काम साथ में इंडिया बनाएंगे पहले ये बिजनेसमैन का क्या फैटिश है इंडिया बनाने का एक ढंग की बाइक नहीं बन रही ये इंडिया बनाएगा
कुणाल कामरा बनाम पीयूष गोयल – कॉमेडी और हकीकत का टकराव
अभी समझने वाली बात यह है कि अभी क्यों स्टार्टअप वालों को सुनाया जा रहा है यह कुर्ता फाड़ होली क्यों खेली जा रही है प्रधानमंत्री मोदी तो इन्हें अर्थव्यवस्था की रीढ़ बता रहे हैं और मंत्री जी इनका मजाक उड़ा रहे है क्या कुणालरा वही बात नहीं कर रहे जो पीयूष गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ में कही है स्टार्टअप के नाम पर केवल दुकानदारी हो रही है पीयूष गोयल ने कहा भारत के उद्योगपति रिस्क नहीं लेते डीप सीक जैसी एआई नई ग्लोबल चीज नहीं बनाते 10 साल बाद मंत्री जी को ध्यान आया उससे पहले Microsoft Twitter Google भी तो बन गया था क्या तब समझ में नहीं आ रहा था कि वे उद्योगपतियों की किस क्षमता के दम पर दम भर रहे थे कि भारत इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और भारत को सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है अगर भारत तो किसने बनाया पीयूष गोयल ने या इन्हीं कारोबारियों ने बीजेपी की राजनीति में बिजनेसमैन का बड़ा रोल है और स्थान है धन देने में भी और चुप रहने में भी मोदी सरकार के दौर में बिजनेसमैन से लेकर उद्योगपतियों ने हालात पर बोलना बंद कर दिया इसके बाद भी केंद्रीय मंत्री स्टार्टअप वालों को हड़का रहे हैं उद्योगपतियों के बच्चों को नाती एंड पोतों को हड़का रहे हैं कि वे दूध दही एंड आइसक्रीम बेच रहे हैं आई हैव बीन गोइंग थ्रू अ लॉट ऑफ़ आवर स्टार्टअप सक्सेस स्टोरीज एंड व्हेन आई गो ऑल ओवर द कंट्री वी ऑफन हैव स्टार्टअप प्रेजेंटिंग टू अस व्हाट वर्क दे आर डूइंग फैंसी आइसक्रीम एंड कुकीज़ आई नो एटलीस्ट थ्री और फोर बिलियनियर्स हुस चिल्ड्रन मेक ऑन वन ब्रांड और द अदर वेरी फैंसी आइसक्रीम्स एंड कुकीज़ एंड रन अ वेरी सक्सेसफुल बिज़नेस एंड आई हैव नो कंप्लेन अगेंस्ट दैट बट इज दैट द डेस्टिनी ऑफ़ इंडिया क्या भारत का भविष्य उससे संतुष्ट है हेल्दी आइसक्रीम जीरो ग्लूटेन फ्री व्हाटएवर आई डोंट नो वीगन यह सब शब्द लगा के अच्छी पैकेजिंग करके हम स्टार्टअप बोलते हैं अपने आप को ये स्टार्टअप नहीं है ये एंटरप्रेन्योरशिप है ये बिजनेस है दूसरी तरफ सेकंडक्टर्स में ग्रोथ हो रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खुद की अपने देश की बन रही है लोगों की दे आर इन्वेस्टिंग हेवली टू बिकम सेल्फ रिलायंट बिल्डिंग चिप्स एआई मॉडल्स विल प्रिपेयर द नेशन फॉर द फ्यूचर भारत ने क्या करना है आइसक्रीम बनानी है या चिप्स बनाने हैं कई लोगों ने इस बयान को जातिवादी मानसिकता के सीमित दायरे से समझने का जातिवादी प्रयास भी किया आज के भारत में भले ही किसी एक दो जातियों का वर्चस्व हो लेकिन सभी जातियों के लोग कारोबार के क्षेत्र में हैं उन लोगों ने कौन सा बोइंग बना दिया या Google बना लिया मीडिया हेडलाइन क्या बनाता है भारतीय मूल के फलाना Google के सीईओ बन गए मेटा के मैनेजर बन गए जो हरकत आईएएस बन जाने की खबरों को लेकर मीडिया करता है वही हरकतें किसी कंपनी में सीईओ बन जाने को लेकर करने लगा है उसी में गर्व ठेलने लग जाता है लेकिन सवाल है कि अभी तक तो यह सरकार स्टार्टअप से लेकर हर चीज पर अपना चेहरा लगा रही थी लग रहा था सब कुछ वही कर रही है
भारत का स्टार्टअप मॉडल – इनोवेशन या केवल डिलीवरी ऐप्स?
उद्योगपति लोग तो बस सूट पहनकर दफ्तर जाते हैं और आने जाने के रास्ते में अपनी कारों से जाम कर देते हैं अब क्यों सरकार यह सब सुना रही है पीयूष गोयल के बयानों को लेकर स्टार्टअप से लेकर उद्योगपतियों का जमा हुआ दर्द या गुबार बाहर आने लगा है इस बयान की आलोचना के साथ-साथ वे सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने का धीमे-धीमे साहस भी प्राप्त करते दिखाई दे रहे हैं जिसकी घोर कमी नजर आ रही थी गोयल के बयान के बाद Infosys में सीएफओ और बोर्ड मेंबर रह चुके मोहनदास पाई ने तो वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय दोनों को ही सुना दिया 3 अप्रैल को अपने ट्वीट में मोहनदास पाई कहते हैं कि वित्त मंत्री कई साल से स्टार्टअप को प्रताड़ित कर रही हैं उन्होंने निवेश का माहौल नहीं बनने दिया बीमा कंपनियां आज भी निवेश नहीं कर रही जबकि दुनिया भर में कर रही हैं रिजर्व बैंक विदेशी निवेशकों को प्रताड़ित कर रहा है पिछले 10 साल में चीन ने 845 बिलियन डॉलर यानी 72 लाख करोड़ का निवेश किया और भारत ने केवल 160 बिलियन डॉलर यानी ₹3 लाख करोड़ का निवेश किया क्यों पीयूष गोयल से लेकर अश्विनी वैष्णव इसका समाधान क्यों नहीं निकालते हैं मोहनदास पाई कहते हैं बात यह है कि सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स कम कर दिया लेकिन कॉर्पोरेट ने निवेश नहीं किया भारत के प्राइवेट सेक्टर का मुनाफा चार गुना बढ़ गया 15 साल में लेकिन कर्मचारियों की सैलरी में ठहराव आ गया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि भारत की कंपनियां निवेश क्यों नहीं करती हैं अब तो टैक्स भी कम कर दिया पीयूष गोयल भी कह चुके हैं कि भारत की कंपनियां स्टार्टअप में निवेश क्यों नहीं करती हैं स्टार्टअप महाकुंभ में पीयूष गोयल मंच पर बोट स्पीकर्स बनाने वाली कंपनी के सह संस्थापक अमन गुप्ता से बात कर रहे थे अमन गुप्ता मशहूर शो शार्क टैंक में जज हैं मंत्री जी ने अमन जी से कहा कि शार्क टैंक प्रोग्राम में अपना नजरिया बदलिए इस समय राशन का सामान डिलीवरी करने की होड़ मची है इससे कुछ अरबपति बन जाएंगे लेकिन भारतीय निवेशकों को आगे आना होगा नहीं तो विदेशी निवेशक स्टार्टअप खरीदते रहेंगे इतना ही मैं इन्वेस्टर्स को भी कह रहा हूं अमन गुप्ता शार्क टैंक में जरा चेंज करो अपने पर्सेक्टिव्स को इंस्टेंट ग्रोसरी डिलीवरी लेटेस्ट हॉट ऑन द ब्लॉक आई हैव नो प्रॉब्लम्स ही कैन लिस्ट एट अ फ्यू बिलियन डॉलर्स आई एम वेरी हैप्पी आई ओनली विश हैड मोर इंडियन इन्वेस्टर्स रादर देन द फॉरेनर्स बाइंग ऑफ ऑल आवर स्टार्टअप्स एंड ये सिद्धार्थ आप सबके लिए चेतावनी है वी नीड मोर इंडियन इन्वेस्टर्स इंटू द गेम भारतीय निवेशक कौन है कहां है और वह क्यों नहीं भारत में पैसा लगा रहा है दिनभर मोदी मोदी करता है पैसा भी लगा सकता है इस सवाल का जवाब सब जानते हैं लेकिन मंत्री जी लगता है किसी और लोक में विचरण कर रहे हैं
सरकारी नीतियां और निवेश का टोटा – क्या वजह है निजी क्षेत्र की चुप्पी की?
स्टार्टअप पर पीयूष गोयल के बयानों को लेकर उद्योग जगत पर टीका टिप्पणी करने वाले मोहनदास पाई तो उखड़ ही गए कह दिया कि स्टार्टअप से भिड़ने की जरूरत नहीं बल्कि खुद से पूछने की जरूरत है कि डीप टेक स्टार्टअप बनाने के लिए उन्होंने क्या किया आलोचना करने के बजाय मंत्री जी बताएं कि उन्होंने क्या किया ये तो बड़ा सीरियस क्वेश्चन आ गया डिबेट में यही मोहनदास पाई पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी को स्वतंत्र भारत का श्रेष्ठ प्रधानमंत्री बता रहे थे अब ट्वीट कर रहे हैं वित्त मंत्री निवेशकों को प्रताड़ित कर रहे हैं वाणिज्य मंत्री बताएं खुद क्या किया जब उन्हें वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री के काम का पता नहीं तो प्रधानमंत्री मोदी को श्रेष्ठ प्रधानमंत्री क्यों कह दिया पीयूष गोयल के बयानों पर zptotो शादी.com भारत पे Zomato के संस्थापकों और सीईओ की प्रतिक्रियाएं आ गई हैं zpप्टto के सह संस्थापक आदित पलीचा जी ने कहा है कि उपभोक्ताओं के स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है इस समय 1.5 लाख लोग इसमें काम करते हैं यह कंपनी मात्र 3 साल पुरानी है इस तरह के स्टार्टअप को सपोर्ट करने की जरूरत है ना कि उनकी टांग खींचने की इसके पीछे बहुत मेहनत लगी है भारत के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर जी ने कहा है कि इस देश में केवल राजनेताओं को सच्चाई का सामना करने की जरूरत है अशनीर ने बहस शुरू करने के लिए पीयूष गोयल का शुक्रिया अदा किया कहते हैं इतिहास से लेकर विज्ञान तक पर बहस हो जाए shadi.com के संस्थापक और शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल ने कहा है कि भारत के उद्यमी दुनिया से भिड़ जाने को तैयार हैं लेकिन पूंजी और विकास कर पाने के लिए जरूरी इको सिस्टम की भयंकर कमी है स्टार्टअप के फाउंडर काफी कुछ कर सकते हैं लेकिन सब कुछ नहीं इन बयानों से पोल खुल गई कि भारत में किस माहौल में स्टार्टअप हो रहा है यही नहीं स्टार्टअप को भी छुईमुई नहीं होना चाहिए ठीक है उन्होंने रोजगार पैदा किया लेकिन किस स्तर का किस सैलरी का रोजगार उनकी कंपनियों में क्या वैसा ही माहौल है जैसा ग्लोबल कंपनियों में होता है या होना चाहिए अगर है तो इस पर बोलिए स्टार्टअप के बिजनेस मॉडल में गिग वर्कर के लिए क्या है क्यों नहीं है क्यों सरकारों को सामाजिक सुरक्षा का नेटवर्क बनाना पड़ रहा है अशनीर की बात सही है कि बात करनी है तो विज्ञान की भी कर लीजिए मतलब बता दीजिए विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने कौन सा तीर मार लिया जो नेता बिजनेसमैन पर हंस रहे हैं बिजनेसमैन को सोचना चाहिए चाहिए कि उनकी हर गलत बात का समर्थन करने या गलत हालात पर चुप रहने से उन्हें क्या मिला चुप रहने का फायदा उन्हें बिल्कुल नहीं मिला ये कौन लोग हैं मोहनदास पाई आदित्य पलीचा अशनीर ग्रोवर क्या यह कांग्रेस सिस्टम का पार्ट हैं पीयूष गोयल ने बयान जारी किया है कि कांग्रेस और उसका सिस्टम उनकी बातों को गलत तरीके से पेश कर रहा है आज मैंने सोशल मीडिया पे भी देखने की कोशिश की सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस और उनका इको सिस्टम ने मेरे कल की बात को समझा नहीं पूरी स्टार्टअप की दुनिया आप लोग को कोई गलत लगा मेरी कल की बात किसी को भी ये तो मैंने किसको इकट्ठा नहीं किया तो यहां खत्म हुआ तो ये सब आए हैं ना आपको किसको बुरा लगा जो मैंने कल कहा आपने देखा होगा कि मैं सिस्टम नहीं बोलता सिस्टम बोलता हूं जैसे अंकल को अंकल बोलता हूं बजट भी हो जाता है बजट भी हो जाता है लेकिन अभी यह महत्वपूर्ण नहीं है क्या मोहनदास पाई से लेकर Zomato भारत पे के संस्थापक भी कांग्रेस के इकोसिस्टम के पार्ट हैं गोयल कहते हैं उनके बयान को ठीक नहीं समझा गया यही बात तो कुणाल कांबरा का भी कहना है उन्होंने सिर्फ मजाक किया लेकिन उनके पीछे पुलिस लगा दी गई वो किसका इकोसिस्टम था जो कुणाल कांबरा के पीछे पड़ा पूरे भारत में कुणाल को दौड़ाकर मारने की बात करने लगा प्रधानमंत्री मोदी अकेले नहीं जिन्हें अपने पद पर रहते हुए 10 साल से अधिक हो गए उनके मंत्रिमंडल में भी कई मंत्री हैं उनके भी 10 साल पूरे हो गए
निवेशकों का बहिर्गमन और भारतीय इकॉनमी की सच्चाई
उससे भी ज्यादा इन्हीं में से एक हैं पीयूष गोयल प्रधानमंत्री मोदी ने इस 10 साल में इनकी प्रतिभा का कई मंत्रालयों में उपयोग किया है भले इस समय वाणिज्य और उद्योग मंत्री हैं लेकिन कोयला मंत्री रह चुके हैं विद्युत मंत्री रह चुके हैं नवीन ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं ये तीनों अलग-अलग मंत्रालय हैं इस समय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी और नवीन ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी हैं पीयूष गोयल कपड़ा मंत्री रह चुके हैं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रहे हैं खाद्य व जन वितरण प्रणाली के मंत्री रहे हैं रेल मंत्री भी रह चुके हैं रेल मंत्री बनने के बाद तो उत्साह में कह दिया कि रेलवे के इको सिस्टम से 1 साल में 10 लाख नौकरियां पैदा कर देंगे आज तक उसका हिसाब नहीं दे सके कुल मिलाकर पीयूष गोयल 10 साल में नौ मंत्रालयों में भटक चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी अगर इनका मंत्रालय बदल दें तो हो सकता है इन्हें 10 साल में 10 मंत्रालय संभालने का सौभाग्य प्राप्त हो जाए यह इसलिए बताया कि आप पीयूष गोयल के कार्यों का मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं अगर करेंगे तो नौ मंत्रालयों का करना पड़ जाएगा तो एक तरह से पीयूष गोयल के कार्यों उपलब्धियों का मूल्यांकन करना बराबर मोदी सरकार का मूल्यांकन करना हो जाएगा आसान काम नहीं है इसके अतिरिक्त पीयूष गोयल राज्यसभा में सत्ता पक्ष की तरफ से उपनेता रह चुके हैं अब नेता सत्ता पक्ष हैं इतना काम जिसके पास रहेगा वह कितना काम कर पाएगा आप समझ सकते हैं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनत वाणिज्य मंत्री के Twitter का अध्ययन करने लग गई हैं ताकि पता चले कि वे कितना काम करते हैं सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि वाणिज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की बैंकॉक यात्रा से जुड़ी 14 ट्वीट को दोबारा से ट्वीट किया है दोबारा ट्वीट करने को रीट्वीट कहते हैं संक्षेप में आरटी लिखते हैं इसके बाद माय गव के दो ट्वीट को रीट्वीट किया है गृह मंत्री अमित शाह के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है एक ट्वीट वक बिल पर है और तीन ट्वीट स्टार्टअप इवेंट पर है लेकिन इनमें से एक भी ट्वीट ट्रंप के टेरिफ पर नहीं है गोयल के ट्वीट पर पहले भी रिपोर्ट आ चुकी है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट को रीट्वीट करते रहते हैं यह कम बड़ा काम नहीं है इस काम को भी जीडीपी में जोड़ लेना चाहिए अमेरिका चाहता है कि भारत खेती और डेरी का दरवाजा खोल दे वो अगर खुला तो भारत के गांव में बेकारी आएगी तबाही आ जाएगी लेकिन मंत्री जी ने क्या इस पर कोई ट्वीट किया जिस समय टेरिफ की चर्चा हो रही है उस समय मंत्री जी स्टार्टअप वालों को सुना रहे हैं कुछ माह पहले मंत्री जी ने ई-कॉमर्स वालों को हड़का दिया कि उनके द्वारा तय किए गए दामों के कारण 10 करोड़ छोटे रिटेलर पर बुरा असर पड़ेगा यह भी कहा कि ई-कॉमर्स के बूम के कारण भारत आलसी और बीमार लोगों का देश बन जाएगा छोटे दुकानदारों के हितों की रक्षा के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए कोई जानकारी है तो उन्हीं को देना चाहिए लेकिन अपने इस बयान के बाद पीयूष गोयल ने सफाई जारी कर दी कि उसे गलत समझा गया सरकार ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है लेकिन छोटे खुदरा व्यापारियों को अवसर देना चाहती है तो कई बार मंत्री जी गलत समझे गए हैं मंत्री जी इनोवेशन और नवीनीकरण की क्रांति की अपेक्षा बड़े बिजनेस घरानों से नहीं स्टार्टअप वालों से कर रहे हैं ये अपने आप में अजीब है क्या दुनिया में बड़े इनोवेशन स्टार्टअप मॉडल से ही हुए हैं अमेरिका में इनोवेशन का केंद्र और चाइना में इतने बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग फिर कैसे है शून्य में इनोवेशन नहीं होता और हो भी नहीं सकता भारत के लोगों की क्रय शक्ति बहुत कम है बिस्किट का पैकेट छोटा करना पड़ रहा है ताकि खरीद सकें जाहिर है उनकी खरीदने की क्षमता राशन तक ही सीमित रहेगी तो ऐप भी फूड और ग्रोसरी डिलीवरी के बनेंगे मोदी सरकार अपनी आर्थिक नाकामी को वफ बिल तो कभी स्टार्टअप के पीछे नहीं छिपा सकती जब चैट जीपीटी डीप सी ग्रॉक ल्च होकर दुनिया में हाहाकार मचा रहे हैं तब भारत सरकार कह रही है 8 महीने में भारतीय एआई मॉडल ल्च करने का प्लान है 10 साल में बातें बड़ी-बड़ी की गई लेकिन काम छोटा ही रह गया।