गोबर से पुतेंगे सरकारी दफ्तर: योगी सरकार का नया प्राकृतिक पेंट मिशन, तारीफ और तंज के बीच शुरू बहस
आप कुछ महीनों बाद उत्तर प्रदेश जाएं और घूमने की दृष्टिकोण से जाएं कि आपको उत्तर प्रदेश घूमना है तो अगर आप आगरा के ताजमहल जा रहे हैं ताज का दीदार करिए और वहीं पास में आगरा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का दफ्तर होगा। आगरा के पुलिस कमिश्नर का दफ्तर होगा। तो वहां भी जाएं क्योंकि कुछ महीनों या कुछ सालों में यह सारे सरकारी दफ्तर गोबर से निर्मित पेंट से रंगे जाएंगे और यह आदेश दिया है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने। आपको बताएं रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश संरक्षण की बात करते हुए कहा कि उन्होंने एक बैठक की पहले जिसमें पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग के अधिकारी थे और उन्होंने समीक्षा बैठक की और उसमें एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि सी के अधिकारियों को वह निर्देश दे रहे हैं कि अब यूपी के सभी सरकारी ऑफिस और दफ्तरों की इमारतें साधारण पेंट से नहीं रंगी जाएंगी बल्कि इसके लिए गाय के गोबर से बने कुदरती पेंट का इस्तेमाल हो होगा और इसके बाद सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवन संरक्षण केंद्रों पर को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। इन केंद्रों में मौजूद गोबर का बेहतर उपयोग करते हुए प्राकृतिक पेंट निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। प्राकृतिक निर्माण केंद्रों को बढ़ावा दिया जाए और प्राकृतिक पेंट का निर्माण हो गोबर से। गोबर डाला जाए। उस प्राकृतिक यानी नेचुरल पेंट जिसे अंग्रेजी में कहें अगर उसका बिल्कुल लिटरल तर्जुमा करें तो उसमें गोबर बना के और ऐसे ऐसी फैक्ट्रीज बनाई जाएं ऐसे केंद्र बनाए जाए जहां पर गोबर से पेंट बनाया जाए और उस पेंट से उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों को पोता जाए और मुख्यमंत्री ने कहा कि जो केंद्र है उसमें जैविक खाद और अन्य गौ आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए भी ठो ठोस रणनीति बनाई जाए। उन्होंने ऐसे पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दे दिए हैं। और और कुछ अधिकारियों का एक बयान है जो Zee न्यूज़ के हवाले से हम आपको बता रहे हैं। हम स्क्रीनशॉट भी दिखा रहे हैं। Zee न्यूज़ ने अपने एक्स हैंडल पर यह शेयर किया है। उन्होंने कहा है Zee न्यूज़ के मुताबिक अधिकारियों के मुताबिक गोबर से तैयार किया गया प्राकृतिक पेंट पूरी तरीके से जैविक होता है। यह ना केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि दीवारों को एक सुंदर देसी लुक भी देता है। इसमें रसायनों का प्रयोग नहीं होता जिससे स्वास्थ्य पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। इसे बनाने में भी ऊर्जा की खपत कम होती है और लागत भी पारंपरिक पेंट से कम होती है। अधिकारी का नाम नहीं बताया गया लेकिन अधिकारियों ने ऐसा बता दिया है कि किस गोबर से बने पेंट कितने बढ़िया होते हैं और इस खबर के आते ही आपको पता है हमारा देश सोशल मीडिया प्रधान देश है और सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स आने लगे। इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के वैसे तो समाज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं। सांसद भी हैं और उन्होंने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दिया है। उन्होंने टीवी न्यूज़ चैनल का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें लिखा है गाय के गोबर से तैयार पेंट का इस्तेमाल सरकारी भवन में भी होगा।
सरकारी दीवारों पर गोबर का कमाल: योगी सरकार का देसी रंग-रोगन मिशन
अखिलेश यादव ने कहा गोबरनामा भाजपा सरकार का नया कारनामा। इस पर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है महाराज जी पेंट बन जाने से गोबर के औषधीय गुण खत्म हो जाएंगे। सीधे-सीधे ताजाताज़ा गोबर रोजाना सरकारी दफ्तरों में अगर लिपा जाएगा तो गोबर के औषधीय गुण बने रहेंगे और इसका लाभ भी होगा। गौशालाओं से सीधे ताजा गोबर रोजाना मंगवाकर सरकारी अधिकारियों की क्रमवार ड्यूटी लगाई जानी चाहिए और एक विभाग सरकार में गोबर का बनाना चाहिए। फिर उन्होंने सुधांशु त्रिवेदी, अमित मालवीय को टैग किया है। इनको भी एक डिबेट गोबर के हानि लाभ पर करनी चाहिए। तो यह सब सारी बातें सोशल मीडिया पर शुरू हो गई हैं। अभी फिलहाल आपको बताएं कि ऐसा नहीं है कि पहली बार यह बात हो रही है। हम आपको आज तक की ये खबर दिखा रहे हैं जिसमें 2021 की खबर है सन 2021 की और खबर में बताया गया है और हेडलाइन है गाय के गोबर से खादी इंडिया ने बनाया प्राकृतिक पेंट। नितिन गडकरी ने ल्च किया। यानी 2021 में खादी इंडिया ने गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट बनाया था। जिसमें इसको ल्च खुद नितिन गडकरी साहब ने किया था। उस वक्त पशुपालन मंत्री थे गिरिराज सिंह और कहा गया था कि जो खादी इंडिया का प्राकृतिक पेंट है वो एंटीबक्टीरियल है, इको फ्रेंडली है और एंटीफंगल है। पेंट को ल्च करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी। अब 2021 से 2025 आ गया है। कोई सरकारी आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। जिसमें यह बताया गया हो कि गोबर बेचने पर किसानों की आय बढ़ी हो और उस गोबर से खादी इंडिया के अलावा भी बहुत प्राकृतिक पेंट बनाया गया हो और 2021 से खादी इंडिया ये पेंट बना रहा है। खादी इंडिया इंडिया को भी यह आंकड़े जारी करना चाहिए कि उनका गोबर से निर्मित यह प्राकृतिक पेंट कितना पॉपुलर है और उसकी कितनी डिमांड है? क्या लोग वो प्राकृतिक पेंट खरीद रहे हैं जो गोबर से बना हुआ है। अगर आपके जानकार जिन्होंने यह पेंट का इस्तेमाल अपने घर में किया हो तो जरूर हमें अपने हमारे कमेंट बॉक्स पर लिख करके बताएं। हम हमें हर्ष होगा। अगर हम भी जानना चाहते हैं क्या लोग ऐसा कर रहे हैं तो जरूर अपने आसपोस में अपने दोस्तों से पूछिए कि क्या खादी इंडिया का वह पेंट उन्होंने इस्तेमाल किया है जिसमें गोबर पड़ा हुआ है और प्राकृतिक पेंट है और यह भी कहा गया था कि यह जो गोबर से बना हुआ पेंट है वह सस्ता है। जेब के लिए अच्छा है। 1 लीटर डिस्पेंड डिटेंपर की कीमत ₹120 है और इमल्शन की कीमत ₹225 प्रति लीटर है। और गडकरी ने कहा था कि अन्य कंपनियों के पेंट की कीमतों की तुलना में यह बेहद कम है।
गोबर से चमकेंगे सरकारी दफ्तर: क्या यह नवाचार है या नौटंकी?
खादी प्राकृतिक पेंट दो रूप में उपलब्ध है। पहला डिस्टेंबर पेंट पेंट और दूसरा प्लास्टिक इमर्शन पेंट। तो ये सब सारी बातें कही गई हैं और एमएसएमई मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक खादी वैदिक पेंट इसका नाम है। का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दुगनी करने के विचार के अनुरूप है। खादी और ग्राम उद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना जो अब दिल्ली के एलजी हैं। उस समय यह खादी और ग्राम उद्योग के चेयरमैन थे। ने मार्च 2020 में इसकी अवधारणा अवधारणा रखी। बाद में जयपुर के कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट ने इसे विकसित किया है। तो यह पेंट ऑलरेडी मार्केट में है। अगर आप अपने घर को गोबर से पेंट करना चाहते हैं, गोबर निर्मित प्राकृतिक पेंट से पेंट करना चाहते हैं, तो खादी इंडिया के जो शोरूम्स हैं, वहां जाएं। वहां पर आपको यह प्राकृतिक पेंट उपलब्ध मिलेगा। अब ये जो भगवान से भी जोड़ा जा रहा है कि गोवर्धन पूजा होती है उसमें गोबर से भगवान गोवर्धन बनाए जाते हैं और उसकी पूजा की जाती है हर साल की जाती है और कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इससे यह एंटी कैंसर है यह पेंट इससे कैंसर नहीं होता है तो अपने डॉक्टरों से भी राय ले लें अगर वह आपको राय दें कि गोबर के पेंट करने से घर पर आपको कैंसर नहीं होगा तो जरूर अपना घर गोबर से बने प्राकृतिक पेंट से पुत वा लें देरी ना करें डॉक्टर के पास ना जाएं। फिलहाल इस पर काफी चर्चा हो रही है और कुछ दिन पहले आपको याद होगा गोबर सीधे गोबर ही क्लासरूम में पेंट करवा दिया था। पूरे क्लासरूम को पेंट करवा दिया था गोबर से लक्ष्मीबाई कॉलेज है दिल्ली यूनिवर्सिटी में वहां की प्रिंसिपल ने जिसकी तस्वीरें हम आपको दिखा रहे हैं जिसके बाद टीयू छात्र संघ के जो अध्यक्ष हैं स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष हैं खत्री साहब वो गए गोबर लेकर के वो खुद प्रिंसिपल मैडम का दफ्तर ही गोबर के पेंट गोबर से ले पाए। उन्होंने कहा कि भाई आप कक्षाएं पेंट कर रही हैं गोबर से। गोबर लेपवा रही हैं कक्षा के अंदर और कह रहे हैं गर्मियों में ठंडा रहेगा। तो भैया फिर आप अपना दफ्तर भी ठंडा करिए। गोबर से हम लेपें दे रहे हैं। बहुत मामला बढ़ा था।
गोबर पेंट’ बनाम गवर्नेंस: जब रंग-रोगन बन जाए राजनीतिक मुद्दा
आपको याद होगा इस क्यों उन्होंने गोबर से जबरदस्ती प्रिंसिपल का कमरा लेप दिया था। उस पर आपको खत्री साहब का बयान सुनवाएंगे। कुछ दिन पहले उधर रेड माइक पर आए थे। पर गोबर से पुतवाने के पीछे रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना था कि ये एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर बच्चों को सिखाने बताने के लिए किया गया था और एक बस एक उनका प्रयोग था जो वो कर रही थी। इसको बहुत आउट ऑफ प्रोपोर्शन ले लिया गया। अब खत्री साहब भी जाकर के उनका दफ्तर पेंट कर आए थे। फिलहाल अच्छी बात है कि प्रिंसिपल मैम सिर्फ एक कक्षा को लेप रही थी यहां प्रधानमंत्री यहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दे दिया है कि यूपी के सभी सरकारी दफ्तर तो अगर आप नोएडा, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, और जितने भी शहर हैं कानपुर माफ़ कीजिएगा उत्तर प्रदेश में आप वहां पर जाएंगे अपने आरसी के काम के लिए अपने किसी भी सरकारी काम पड़ता रहता है। पासपोर्ट ऑफिस है, अह डीएल आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है, आधार कार्ड बनवाना है, राशन कार्ड बनवाना है। सरकारी दफ्तर जाएंगे तो वहां पर आपको दीवारों पर गोबर से निर्मित पेंट नजर आएगा। इसके तमाम बताया जा रहा है कि बहुत अच्छा होता है तो वो उसको आप या तो डॉक्टर तस्दीक कर सकते हैं कि एंटीफंगल है कि नहीं है या एंटी कैंसर है कि नहीं है। हम डॉक्टर तो हैं नहीं लेकिन जरूर रौनक खत्री साहब को सुनिए जो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष हैं। सिर्फ फेम पाना मकसद होता तो शायद मेरी प्रिंसिपल से कन्वर्सेशन वो गोबर लगाने वाले इंसिडेंट से होती। पर मैं उनसे पहले भी कनेक्टेड हूं। मैंने उनको मेल्स करे हैं कि मैम आप वाटर कूलर की, वाशरूम की और एसी की व्यवस्था कॉलेज में कीजिए। अन्यथा बच्चे बड़े परेशान है और एक प्रोटेस्ट हमें करना है। मेरे पास मेल ऑन रिकॉर्ड है और ये कम से कम आज की मेल नहीं दो महीने पहले की मेल है। हम तो अगर सिर्फ मीडिया में बने रहना मेरा मकसद है तो इस बात से मैं बिल्कुल अपना मत नहीं सहमत करूंगा। उसका कारण यह है कि हम कार्य करने आए हैं। हमारी चीजों को डायवर्ट किया जाता है। हमारे ध्यान को दूसरी ओर लेकर जाया जाता है कि कैसे इनको भटकाया जाए। कैसे अपने कार्य की राजनीति से दूर उठ के जो गंदी पॉलिटिक्स डर्टी पॉलिटिक्स देश में और डीयू में भी स्थापित हो चुकी है। उसमें मैं एंटर कर जाऊं। पर हमारा वो मकसद नहीं है। स्टूडेंट्स को उनका राइट मिल जाए।
गोबर का रंग, सरकार के संग: पर्यावरण बचाने की कोशिश या पब्लिसिटी स्टंट?
जो मूलभूत सुविधाएं हैं पहले वो मिल जाए। फिर हम प्लेसमेंट की बात करेंगे। पहले वो तो दिलाएं जिसके लिए स्टूडेंट्स ने हमें चुना। अभी मैं गोबर पर ही इसलिए रुका हूं क्योंकि वो प्रकरण बहुत चर्चा में आ गया। यह आईडिया किसने दिया रौनक खत्री को कि प्रिंसिपल के कमरे में घुस के गोबर का लेप वहां भी लगा दें। वो क्लास में लगा रही हैं तो हम उनके ऑफिस में लगा दें। अंतरात्मा बोलती है सर जब छात्रों को अनसुना कर दिया जाता है तो अंदर की आवाज निकल कर आती है कि कब तक हम चुप बैठेंगे?कब तक चुप बैठेंगे? मेल इतने किए, कॉल्स इतने किए? क्यों अनसुना किया जाता है हमें? हम हमारी आवाज है हम डसू के प्रेसिडेंट अगर बनके आया हूं तो 52 कॉलेज हमारे अंडर है। हमारी बात का वजन होगा तभी तो मैं मैम को बार-बार कॉल और मेल्स कर रहा हूं। फिर उसको भी अगर अनसुना कर दिया जाता है तो एक एवरेज स्टूडेंट का हाल आप यहां से अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना उसको सुना जाता होगा। कॉलेज के प्रिंसिपल अपने गेट से अंदर ही एंट्री नहीं देती एक नॉर्मल स्टूडेंट को। हम्। परमिशन लेने के चक्कर में स्टूडेंट 2-द घंटे प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर बैठे रहते हैं कि मैडम अभी बिजी हैं। पता चल रहा है कि आपने देखा होगा कमरों के अंदर दो-दो जो है टीवी लगे हुए हैं इंस्टॉल। शायद किसी भी एक ऑफिस में दो टीवी का कोई काम नहीं होता। हम्म। तो ये सर्वजित है बात कि किस प्रकार से सरकारी पैसे का मिसयूज तीन एसी उसी रूम के अंदर हम तो पैसा अपने लिए तो मिल जाता है पर स्टूडेंट को सुविधा देने के लिए पैसा नहीं मिलता। हम आपने रौनक खत्री को सुना। इस पूरे मामले पर बहुत सारी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और बहुत सारे बयान आते रहे हैं। योगी आदित्यनाथ साहब के इस फैसले का लोग समर्थन भी कर रहे हैं तो लोग उसका विरोध भी कर रहे हैं। अब कुछ दिन बाद पता चलेगा जब यह भवन पोते जाएंगे और कितना टिकाऊ है यह पैन पेंट वो भी उसको उसको भी कसौटी पर मापा जाएगा। लेकिन फिलहाल आपको हम यह बताना चाहते हैं कि इस खबर की बहुत चर्चा है और यह खबरें उत्तर प्रदेश से आई। कुछ लोग कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में गाय और गोबर से बहुत ऑबसेशन है। लोग यह भी कह रहे हैं कि गाय गोबर से लेप दीजिए लेकिन साथ-साथ रोजगार भी दीजिए। ये सब सारी बातें हो रही हैं। लेकिन हमने आपको किसने क्या कहा वो आपको लेकर के सामने आए थे और हम बताना चाहते हैं खादी इंडिया का नेचुरल पेंट गोबर से निर्मित है। वह खादी इंडिया के शोरूम्स में उपलब्ध है। अगर आप अभी भी लेना चाहें अपने घरों और दफ्तरों के लिए तो आप जाकर के ले सकते है।